संविधान के पन्नो को अलाटना पलटना अब छोड़ दो.............

Started by HARIVANSH NARAIN SRIVASTAVA on Tuesday, May 28, 2013
5/28/2013 at 8:11 PM

शुप्रभातम,
जय श्री राज - श्यामा जी,
संविधान के पन्नो को अलाटना पलटना अब छोड़ दो |
बहुत हुयी अहिंसा की बातें अब संयम बरतना छोड़ दो ||

गाँधी नेहरू कांग्रेस ने इस देश को गिरवीं रखवाया है |
65 वर्ष बीत गए अब तो इन काले अंग्रेजो को सूद चुकाना छोड़ दो ||

कब तक अपने बदन पर गुलामी की कोड़े खाओगे ?
कब तक देश लुटने वालो को अपना मसीहा बनाओगे ?

संभल जाओ समय अभी बहुत बुरा भी नहीं आया है |
कब तक गाय काटने वालो को अपना भाई बतलाओगे ?

सब्र का बाँध जो अब भी ना टुटा तो इक दिन ऐसा आएगा |
बबार के वंसज राज करेगे और खतना तुम अपना करवाओगे ||

उठो हिन्दू वीरो हो तुम रक्त शिवाजी, महाराणा प्रताप का |
कब तक अपने आप को गांधी का बन्दर कहलवाओगे ?

बहुत हुआ इन्डियन विनडीयन , बहुत हुआ ये सेकुलरवाद |
राष्ट्र,धर्म,घर पर खतरा आया अब ये नपुंसकता छोड़ दो ||

संविधान के पन्नो को अलाटना पलटना अब छोड़ दो |
बहुत हुयी अहिंसा की बातें अब संयम बरतना छोड़ दो ||

सेकुलर नहीं सनातनी बनो
इन्डियन नहीं भारतीय बनो
मोदी जी को लाओ देश बचाओ |

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