एक बार श्री राधे जू ने कान्हा जी से पूछा प्रभु, मेरे से ऐसा कौन सा अपराध हुआ या मेरी साधना मै ऐसी कमी रह गयी जो आपने मेरे से विवाह न करके श्री रुक्मणी जी को अपनी भार्या बनाया मुझे नहीं?
तब प्रभु ने कहा राधेय विवाह के लिये दो लोगो का होना जरूरी है तब तुम ही बताओ हम दोनों मै दूसरा कोन है तुम ही मेरी शक्ति हो प्रिय.....
यही है सच्चा प्रेम है.............................................
राधेय राधेय !!!!!!!!!!!!!